Udass...
8:04:00 PM
आज इतनी चुपचाप और उदास क्यों हो ?
आज से पहले तो तुम भी न थीं ऐसी,
फिर आज क्यों हो ?
क्या किसी से दिल लगा बैठे हो तो उदास क्यों हो ?
तोड़ा है किसी ने दिल तुम्हारा तो परेशान क्यों हों ?
बहुत है चाहने वाले तुम्हें दुनिया में,
इस तरह खामोश क्यों हो ?
कोई और होगा अच्छा किस्मत में तुम्हारी
फिर इतनी गम में डूबी क्यों हो ?
उसे क्या पता तुम क्या हो, तुम उसके लिये इतनी बैचेन क्यों हो ?
जिसे नहीं फिक्र तुम्हारी, उसे इतना चाहती क्यों हो ?
Written & Composed By :
Nitendra.Nittu@Gmail.com
Nitendra.Nittu@Yahoo.com
0 comments